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Mahatma Gandhi Ki Atmakatha Kis Bhasha Mein Hai | महात्मा गाँधी की आत्मकथा किस भाषा में है: अगर आपको जानना है की महात्मा गाँधी की आत्मकथा किस भाषा में है तो आज मै आप सभी को अपने लेख के मदत से पूरी जानकारी दूंगा।
आज मै आप सभी को बताना चाहुगा की महात्मा गाँधी की आत्मकथा जिसका नाम ‘सत्य का प्रयोग’ है। महात्मा गाँधी जी ने ये किताब खुद से लिखा है और उन्होंने इस किताब को गुजरती भाषा में लिखा है।
Mahatma Gandhi Ki Atmakatha Ka Naam | सत्य का प्रयोग |
Mahatma Gandhi Ki Atmakatha Kis Bhasha Mein Hai | गुजरती भाषा |
वैसे तो बाद में महात्मा गाँधी जी की आत्मकथा को हिंदी में भी अनुवाद किया गया था। लेकिन मूल रूप से देखा जाए तो महात्मा गाँधी जी की आत्मकथा गुजरती भाषा में ही है।
Gandhi Ji किसी को कोई सलाह देने से पहले उसका प्रयोग स्वयं पर करते थे। गाँधी जी सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत में चलने वाले इन्सान थे और लोगो को भी इसी सिद्धांत में चलने की सलाह देते थे। वो खादी वस्त्र के समर्थक थे और हमेसा खादी वस्त्र ही पहनते थे। इन सभी विचारो और सिद्धांतों के कारण सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें 1944 में राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया था।
महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गाँधी था। महात्मा गाँधी जी अपने तीन भाइयो में सबसे छोटे थे। महात्मा गाँधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 में हुए थी।
तो आज मै आप सभी को बताया की Mahatma Gandhi Ki Atmakatha Kis Bhasha Mein Hai? महात्मा गाँधी की आत्मकथा किस भाषा में है? तो अगर आपको इस विषय के बारे में जानना है तो आप मेरे लेख के मदत से जान सकते है। इसके बारे में बोहोत सारे सरकारी परीक्षाओ में भी पूछा जाता है इस्लिये आज मै इस विषय पर विस्तार से चर्चा किया हूँ।
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